डेंगू वायरस क्या है | डेंगू के कारण लक्षण व उपचार
डेंगू वायरस क्या है -डेंगू वायरस बहुत खतरनाक होता है यह वायरस ज्यादातर बारिश के मौसम में फैलता है डेंगू वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलता है यह मच्छर अधिकांशतः दिन में काटता है बारिश के मौसम में इस मच्छर का प्रजनन बहुत तेजी से होता है क्योकि बारिश के मौसम में जगह जगह पानी भरा होता है और गंदे पानी में इस एडीज नामक मच्छर के लार्वा पलते है इस वायरस को आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है यह वायरस मुख्य रूप से गर्म प्रदेशों जैसे -भारत ,बांग्ला देश ,नेपाल अफ्रीका महाद्वीप आदि में पाया जाता है इस वायरस का नाम डेंगू है इसलिए इसे डेंगू बुखार भी कहते है।
वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (डब्लूएचओ ) के अनुसार डेंगू वायरस क्या है –
वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (डब्लूएचओ ) के अनुसार डेंगू वायरस एक संक्रामक रोग है जो एडीज नामक मादा मच्छर के काटने से होता है वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (डब्लूएचओ ) के अनुसार प्रत्येक वर्ष अनुमानतः 5 लाख लोग डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होते है जिनमे से लाखों लोगो की मौत भी हो जाती है। साल 2017 डेंगू के मामलों में भारत के लिए सबसे खराब साल था। साल 2017 में भारत में लगभग 1.88 लाख लोग सिर्फ डेंगू से पीड़ित पाएं गए जिनमे से 325 लोगों ने अपनी जान गवां दी। दुनियाभर में प्रत्येक साल लगभग 7 लाख लोग मच्छर जनित बिमारियों की चपेट में आकर मरते है इनमे मलेरिया, डेंगू ,चिकनगुनिया,जीका वायरस ,फाइलेरिया (एलीफेंटिएसिस )समेत जापानी एन्सेफलाइटिस जैसे जापानी वायरस शामिल है।डेंगू वायरस क्या है यह जानने के लिए हम WHO की रिपोर्ट देखते है।
डेंगू वायरस के लक्षण –
डेंगू वायरस मच्छरों के काटने से होने वाली एक खतरनाक जानलेवा बीमारी है यह एक विषाणु जनित रोग है जो एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलता है यह मच्छर अधिकांशतः दिन में काटता है यह मच्छर देखने में तो बहुत छोटा होता है परन्तु जानलेने में यह बहुत माहिर होता है वैसे तो डेंगू इतना खतरनाक नहीं परन्तु अगर इसमें लापरवाही बरती गयी तो यह जानलेवा हो सकता है यह एक विषाणु जनित रोग है आपको बता दे की डेंगू बुखार का खतरा सबसे ज्यादा बच्चों में होता है और बच्चों में इसकी मृत्यु दर 6 से 30 प्रतिशत तक होती है डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति में कुछ ख़ास लक्षण दिखाई देते है जो इस प्रकार है –
-डेंगू वायरस से पीड़ित व्यक्ति को भूख नहीं लगती है।
-उल्टी व दस्त लगना।
-ब्लड प्रेशर लो होना ,हृदयगति का कम होनाजैसे लक्षण दिखना।
-आँखों का लाल होना और दर्द होना।
-तेज सिरदर्द होना व चक्कर आना।
-तेज बुखार होना व 104 डिग्री तक बुखार होना।
-शरीर व चेहरे में गुलाबी रंग के दाने होना भी डेंगू के लक्षणों में एक है।
आमतौर पर डेंगू वायरस क्या है यह पता करना बहुत कठिन है क्योकि डेंगू के लक्षण एक सप्ताह के बाद दिखाई देते है जब तक रोगी बहुत कमजोर महसूस करने लगता है और डेंगू से पीड़ित प्रत्येक रोगी की प्लेटलेट्स घट जाती है जो बहुत ज्यादा खतरनाक साबित होती है प्लेटलेट्स घटने से रोगी के अंदर इस जानलेवा वायरस से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है जिससे सही समय पर इलाज न मिलने पर रोगी की मृत्यु तक हो जाती है।
डेंगू के कारण व प्रकार –
डेंगू वायरस चार प्रकार का होता है जिनके कारण हमे डेंगू बुखार होता है जो इस प्रकार है –
डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4
डेंगू फ़ैलाने वाले मच्छरों में ये चार प्रकार के वायरस पाएं जाते है जो बहुत खतरनाक होते है
डेंगू बुखार हो जाने पर रोगथाम –
डॉक्टर्स के अनुसार डेंगू फीवर इतना खतरनाक नहीं परन्तु अगर इसमें लापरवाही बरती गयी तो यह जानलेवा हो सकता है डेंगू हो जाने पर आपको सबसे पहले आपको अपने किसी अच्छे नजदीकी डॉक्टर को दिखाना चाहिए जिससे सही समय पर इस जानलेवा बीमारी को ठीक किया जा सके। यदि आपको डेंगू हो गया तो आपको ये करना चाहिए –
-पर्याप्त मात्रा में आराम करे।
-खाने में हल्का भोजन जैसे -दलिया ,खिचड़ी आदि लें।
-किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाकर दवा ले व समय पर दवा खाएं।
-डेंगू होने पर आपको डिस्प्रिन व एस्प्रिन जैसी पेनकिलर नहीं लेना चाहिए।
-कुछ दिन घर से बाहर न जाएँ।
डेंगू वायरस से बचाव –
डेंगू मच्छरों से फैलने वाला एक संक्रामक रोग है जो एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है इस मच्छर में डेंगू नामक वायरस पाया जाता है इसलिए इसे डेंगू बुखार खा जाता है इस वायरस से बचने के लिए हमे सबसे ज्यादा मच्छरों से बचने की जरूरत है जो इस प्रकार है –
-घर के दरवाजे व खिड़कियों में जाली लगवाए जिससे मच्छर घर के अंदर न घुसे।
-घर के आस -पास कूड़ा -कचरा इकठ्ठा न होने दे ये मच्छरों का घर है।
-घर व घर के बाहर साफ़ -सफाई रखे।
-घर के आस -पास गन्दा पानी एकत्रित न होने दे क्योकि मच्छरों के लार्वा सबसे ज्यादा गंदे पानी में ही पनपते है।
-रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे।
-शाम के समय फुल कपडे पहने व हाथ पैर को ढक कर रखे जिससे मच्छर न काटे।
डेंगू ठीक करने के कुछ घरेलु उपाय –
डेंगू एक खतरनाक बीमारी है इस खतरनाक बीमारी में लोगो के शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है जिससे काफी लोगो की मृत्यु तक हो जाती है हम कुछ घरेलु उपायों को अपनाकर डेंगू को जड़ से ठीक कर सकते है जो इस प्रकार है –
1 .डेंगू में गिलोय का सेवन –
गिलोय में एंटीऑक्सीडेंड और डेंगू भगाने के गुण पायें जाते है यदि आपको डेंगू हो गया है तो आप नियमित गिलोय का सेवन करे।
सेवन विधि –डेंगू हो जाने पर आप गिलोय की जड़ों ,तुलसी ,काली मिर्च और अदरक को एक लीटर पानी में उबाल कर काढ़ा बना ले जब यह एक चौथाई बचे तो रोजाना सुबह शाम इस काढ़े का सेवन करे।
2 .डेंगू में पपीते के पत्ते का सेवन –
अक्सर हम देखते है की डेंगू से पीड़ित रोगी में प्लेटलेट्स की संख्याओं में कमी हो जाती है जो हमारे लिए बहुत खतरनाक साबित होता है प्लेटलेट्स की कमी हो जाने पर रोगी की इम्युनिटी पावर घट जाती है जिससे रिकवर होने में काफी समय लगता है प्लेटलेट्स को बढ़ाने में पपीते के पत्ते बहुत लाभदायक होते है इसके नियमित सेवन से आपको डेंगू जैसी अप्रिय बिमारी से निजात पा सकते है।
सेवन विधि –पपीते के तीन चार पत्तों को पीसकर उनका जूस निकाल ले फिर इस जूस को रोजाना सुबह शाम पियें।
3 .डेंगू में नीम का सेवन –
नीम में रोगाणुओं से लड़ने के गुण पाएं जाते है डेंगू में इसके सेवन से सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है जिससे डेंगू का मरीज जल्दी ठीक हो जाता है।
सेवन विधि –आप नीम के पत्तों का सेवन रोजाना सुबह खाली पेट करे या फिर आप नीम के पत्तों का जूस निकाल कर रोजाना सुबह शाम खाली पेट करे।
4 .डेंगू में तुलसी का सेवन –
तुलसी के पत्तों में रोगाणुओं से लड़ने के गन पाए जाते है डेंगू बुखार में तुलसी के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
सेवन विधि -तुलसी के तीन चार पत्तों को पानी में उबाल कर काढ़ा तैयार कर ले फिर इसमें स्वादनुसार शहद मिलकर पिए इससे डेंगू बुखार में आपको जल्द आराम होगा।
5 .डेंगू में चुकंदर का सेवन –
चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाएं जाते है जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है रोजाना सुबह नास्ते में चुकंदर का सलाद ले या फिर चुकंदर का जूस पिए इसके सेवन से सफेद रक्त कोशिकाएं जल्दी बढ़ती है।
डेंगू वायरस का पता कैसे लगायें –
यदि आपको बुखार है तेज सिरदर्द हो रहा है व हाथ पैर ,जोड़ो में दर्द है और नार्मल दवा खाने से ठीक नहीं हो रहा है या दवा खाने से कुछ देर के लिए बुखार ठीक हो जाता है और पुनः 2 से 3 घंटे बाद आ जाता है तो तुरंत आपको डेंगू की जांच करनी चाहिए। डेंगू में दो प्रकार की जांच होती है जो इस प्रकार है –
1.एलाइजा टेस्ट –
डेंगू के लिए यह टेस्ट सबसे अच्छा व भरोसेमंद चेकअप है इस टेस्ट में शत प्रतिशत सही रिजल्ट आता है एलाइजा टेस्ट भी दो प्रकार का होता है आईजीएम व आईजीएम।
आईजीएम-यह टेस्ट डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर 3 से 5 दिन के अंदर करवाना जरूरी है वही आईजीएम।- को डेंगू लक्षण दिखाई देने के एक सप्ताह बाद करवाया जाता है।
2. NS1 टेस्ट –
यह टेस्ट डेंगू के लक्षण सामने आने के 5 दिन के अंदर ही करवाया जाता है यह टेस्ट डेंगू के शुरुआती लक्षणों में अच्छे परिणाम देता है जैसे जैसे डेंगू के लक्षण बढ़ते जाते है वैसे वैसे इसके परिणामों में बदलाव आता है व ज्यादा समय होने पर यह गलत परिणाम भी बता देता है इसलिए समय रहते आपको डेंगू की जांच करा लेनी चाहिए जिससे सही समय पर आपको सही इलाज मिल सके
डेंगू हो जाने पर क्या न खाएं –
डेंगू एक बहुत खतरनाक वायरल फीवर है डेंगू हो जाने पर हमे ठीक से इलाज करवाना चाहिए जिससे जल्द -जल्द हमे इससे निजात मिले। इस फीवर में हमे बहुत सी चीजों से परहेज करना चाहिए जो इस प्रकार है –
-बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न ले ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
-ज्यादा बाहर न घूमे जितना हो सके घर में ही रहे।
-बाहर की कोई भी चीज खाने से बचे घर का बना ताजा व हल्का भोजन ले।
-ठंडी चीजों के सेवन से बचे ये संक्रमण को बढ़ाती है।
-ज्यादा तला व मसालेदार भोजन से बचे।
डॉक्टर के पास कब जाये –
ऊपर दिए गए डेंगू के लक्षण जैसे लक्षण आपमें दिखाई दे रहे है यदि आपको तेज बुखार है और यह बुखार आपको बारम्बार हो रहा है बुखार के साथ तेज सिरदर्द व चक्कर भी आ रहा है तो तुरंत आपको अपने किसी नजदीकी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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